Tuesday, October 27, 2015

विष्वास

जेल की दीवार से सटकर बैठा एक आदमी जिसका नाम रामदीन था। उसे बलात्कार के इल्जाम मे सात साल की जैल की सजा दी गई है। वैसे जब उसका केस अदालत मे था तो मीडिया ने उसे खुब उछाला और जनता ने भी इस पापी पर बहुत लानत की थी। जनता ने कई विरोध प्रदर्षन भी किया और एसे पापी को फासी देने की मांग की पर अदालत ने उसे सात साल का कठोर दंड दिया। अब ये पापी जेल मे अकेला बैठा फिर भी इस बेषर्म के चेहरे पर एक हल्की सी मुस्कान है। हा लेकिन उस मुस्कान को देखकर से साफ जाहिर हो रहा है। कि ये मुस्कान कितनी दर्द भरी है। एसी मुस्कान जैसे जब आदमी कई दर्द झेल चुका हो और फिर इस तक्लीफ को हि अपनी जिदंगी और अपना साथी समझने लगे। उसे महसुस हो कि जिदंगी मे कोई उसका नही सिर्फ तक्लीफ ही उसकी अपनी है। जो उसका साथ निभा रही है। , तभी अचानक जेल के बाहर खडे दरोगा ने पुछा क्या हुआ बे इतना मुस्कुरा रहा है। इतना गंदा काम करके भी हस रहा है । तुझ जैसे लोगो को चौराहे पर खडा करके गोली मार देना चाहिए। और इतना कहकर दरोगा चला गया। पर रामदीन पर शायद दरोगा की बात का कोई असर नही हुआ।क्योकि रामदीन की मुस्कान थोडी और बडी हौ गई थी। तभी रामदीन को याद आने लगा अपना भुतकाल अपने परिवार के साथ बिताया हुआ समय उसके चेहरे के सामने मानो सबकुछ साफ हो गया था। वो अपने बेटे के साथ है जिसकी और पाच साल है 


रामदीन अपने बेटे के साथ खेल रहा है। मानो उसे एहसास हो रहा हो कि उसकी जिदंगी कितनी खुबसुरत थी। और उसे याद रही है। अपनी बीवी और कभी उसकी ऑखो के सामने घुम रहा है। असका बचपन और अपनी मा का चेहरा कि किस तरह बचपन मे उसे अपने हाथो संे खाना खिला रही है। और न जाने कितनी बाते उसकी ऑखो मे घुम रही है। और रामदीन का सर दर्द करने लगा मानो उसका सर फट जाएगा।और फिर रामदीन को नींद आ गई लेकिन उसके सपनो मे भी उसके भुत ने उसका साथ न छोडा। और रामदीन कि ऑख खुल गई अब वह खुली ऑखो के साथ जमीन पर पडा था। और सोचने लगा कि उसके साथ यह केसे हुआ। उसे याद आया कि उसने एक रात बहुत ज्यादा शराब पी थी। उसकी बाद वह बार से बाहर निकला घर जाने के लिए और मदहोषी मे जमीन पर गिर पडा। और बेहोष हो गया उसके बाद जब रामदीन की ऑख खुली तो वह अस्पताल मे था। वहा पुलिस उसे लेकर गई थी और रामदीन ने पुछा मे यहा क्या कर रहा हुॅ। पुलिसवाले ने बडे कडक लहजे मे जवाब दिया साले बोल तो एसे रहा है। जैसे कुछ नही जानता हो। साला दारू पीकर कुत्तो की तरह रोड पर घुमते हो और एसे काम करते हो। रामदीन ने कहा ये क्या बोल रहे हो आप सर कैसे काम और आप मुझसे तमीज से बात किजिए। तभी पुलिसवाले ने रामदीन को एक जोरदार थप्पड मारा और बोला साले तमीज से बात करू तुझ जेसे घटिया आदमी से जो शराब पीकर शरीफ औरतो की आबरू पर हमला करता है। रामदीन यह सुनकर सन्न था । उसके कहा ऐ क्या बोल रहे हो आप मैने कुछ नही किया तभी एक दुसरा पुलिसवाला बोला चुपचाप बैठा रह तेरा चेकअप करवाने आए है। अभी पता चल जाएगा तुने कुछ किया है या नही। और चेकअप के बाद पुलिस ने रामदीन को जेल मे ठुस दिया । फिर उसे कोर्ट मे पेष किया गया जहा रामदीन ने उस लडकी को देखा जिसने उस पर बलात्कार का इल्जाम लगाया था। रामदीन उसे देखकर याद करने लगा पर उसे कुछ याद नही आया। विपक्ष के वकील ने रामदीन के खिलाफ कई सबुत और गवाह पेष किए । लेकिन रामदीन अपने दिमाग पर जोर डाल रहा था। और उसे कुछ याद नही आ रहा था। तभी जज ने रामदीन को सफाई पेष करने के लिए कहा रामदीन ने सिर्फ इतना कहा। कि मेने ऐसा कुछ नही किया तभी विपक्ष के वकील ने जोर से पुछा अगर तुमने नही किया तो किसने किया। अच्छा ये बताओ उस रात जब ये सब हुआ। तो तुम कहा थे। रामदीन ने कहा मुझे याद नही है। तभी विपक्ष वकील ने कहा हा जज साहब इनको बेषक याद नही होगा क्योकि उस रात इन्होने बहुत शराब पी और उसके अलावा भी नषीली चीजो का प्रयोग किया और उसी हालात मे इन्होने यह सब किया। तभी जज ने रामदीन के वकील से पुछा कि आप कुछ कहना चाहते है। और रामदीन के वकील ने न के इषारे मे गर्दन हिला दी। क्योकि रामदीन का वकील भी यही चाहता था। के एसे गुनहगार को सजा मिले वो तो सिर्फ सरकारी वकील था। इसलिए वह रामदीन का वकील बन गया क्योकि वह खुद आसानी से रामदीन को सजा दिलाना चाहता था । और ऐसा करके वह अबला नारी की मदद करना चाहता था। जिसकी जिदंगी रामदीन जैसे शैतान ने बर्बाद कर दी थी। और कोर्ट ने सुनवाई की एक तारीख दे दी। पर जैसे रामदीन को कुछ सुनाई नही दे रहा था । वह बडी गहराई से सोच रहा था। और तभी एक हवलदार ने उसे जोर से हिलाया चलो मे कब से कह रहा हुॅ। तुम्हे सुनाई नही दे रहा है। क्या और रामदीन उनके साथ चलने लगा तो उसने देखा काफी सारे मीडियाकर्मी खडे है। और आम  जनता रामदीन को फासी देने के लिए प्रदर्षन कर रही है। तभी भीड मे से कोई चीज रामदीन के मुह पर आकर लगी। और रामदीन के मुह से आह निकल गई जब रामदीन ने वह ने देखा वो क्या था। वह एक चप्पल जिस पर गोबर लगा हुआ। और इसी जनता बेकाबु होने लगी और फिर कई चप्पले रामदीन की तरफ आने लगी पुलिस ने किसी तरह रामदीन को पुलिस वेन मे डाला और जेल की तरफ बड गई। तभी वेन मे एक पुलिसवाले ने रामदीन को कहा देखा कितना प्यार करती है पब्लिक तुझे तेरे स्वागत का कितना अच्छा इंतजाम किया है जनता ने , और कहा तुम लोग ऐसा काम करते क्यो हो । ऐसा करने से पहले तुम्हें अपने परिवार का ख्याल नही आता है नाहि तुम मासुम लडकियो और उनके परिवार के बारे मे सोचते हो तभी रामदीन ने कहा भगवान के लिए मेरा विष्वास करो मेने कुछ नही किया। तभी पुलिसवाला बोला हा तुने कुछ नही किया वो लडकी ने तेरा बलात्कार किया है। है ना, और रामदीन खामोष रहा अब वह और उसकी आखो मे पानी भरने लगा तभी रामदीन ने अपने ऑसु रोक लिए यह सोचकर की अगर मे निर्दोष हुॅ। तो उपर वाला मेरे साथ अन्याय नही करेगा। और फिर पुलिस ने रामदीन को जेल मे ले जाकर बडी इज्जत के साथ जोर से धक्का देकर कहा पडा रह साले यही , दिन कटते गए और कोर्ट की तारीख भी करीब आ रही थी । पर रामदीन यह सोचकर परेषान था।कि अबतक उसके परिवार का कोई सदस्य उससे मिलने नही आया न बीवी न भाई न कोई दोस्त कोई भी नही आया। फिर रामदीन यह सोचकर शांत हो गया कि शायद पुलिस ने किसी को मुझसे मिलने न दिया हो नही तो इतने दिन मे तो कोई न कोई आ ही जाता। तभी रामदीन ने बाहर पहरा दे रहे हवलदार से पुछा भाई मेरे परिवार या दोस्तो मे से मुझसे मिलने कोई आया था क्या हवलदार ने मुस्कुराते हुए कहा तुझ जेसे पापी से कौन मिलने आएगा और हवलदार ने गाली देते हुए कहा कि मुझें भाई मत कहना और न ही मुझसे कोई बात करना समझा।  रामदीन खामोषी से उस हवलदार का चेहरा देख रहा था। और आखो भी बेहद खामोष थी रामदीन सोचने लगा कि अचानक मेरी जिदंगी ने ये क्या मोड ले लिया। फिर अगली कोर्ट की तारीख मे भी वहा जनता और मीडिया स्वागत के लिए मोजूद था। पर इस बार वह पहले के मुकाबले थोडे शांत थे। यह सोचकर कि आज इस पापी को सजा मिल ही जाएगी तभी रामदीन की नजर एक औरत पर पडी। और उसने आवाज लगाई विमला विमला पर उस औरत ने रामदीन की आवाज को सुनकर अनसुना कर दिया तो रामदीन पुलिस के बीच मे से निकलकर उस औरत की तरफ जाने लगा और पुलिस ने रामदीन को पकड लिया। तभी रामदीन ने निवेदन करते हुए कहा साहब मुझे एक बार थोडी देर लिए मेरी बीवी से मिल लेने दीजिए मे आपके पैर पडता हुॅ। साहब ने अपनी कलाई पर बंधी घडी मे समय देखा और कहा जा मिल ले लेकिन सिर्फ पाच मिनिट है तेरे पास और भागने की तो कोषिष ही मत करियो वरना जान से हाथ धो बेठेगा। रामदीन तेजी से अपनी बीवी विमला की तरफ गया तो देखा और बेटा और भाई भी विमला के साथ थे। रामदीन विमला के पास जाकर कुछ कहता इससे पहले ही रामदीन का भाई कह उठा भईया आप यह मत सोचो कि भाभी यहा आपके लिए आई है। भाभी और मे यहा सिर्फ आपको यह बताने आये है कि आज कि बाद आपसे हमारा और भाभी और हमारे परिवार से कोई रिष्ता नही है। आपने बहुत बुरा काम किया। और इतना कहकर रामदीन का भाई और बीवी वहा से चले गए। और यह बात मीडिया वालो ने एक न्युज बना चुके थे। जनता रामदीन के परिवार के फेसले से खुष थी। और न्युज चेनलो मे समीक्षक इस फैसले के लिए रामदीन के परिवार के लिए तारीफो के पुल बांध रहे थे। और रामदीन , रामदीन खामोष था। इसके बाद रामदीन को जज के पास ले जाया गया विपक्षी वकील ने रामदीन पर कई आरोप लगाए और पीडित लडकी के परिवार , और आर्थिक परेषानी और जीवन मे अब आने वाली परेषानिया बताकर विपक्षी वकील पुरा माहौल भावुक बना चुका था। सुनवाई के दौरान कई लोगो की ऑखे नम हो चुकी थी। और रामदीन अपनी गर्दन झुका कर खडा था मानो वह सबकुछ सुन रहा हो लेकिन रामदीन का ध्यान तो अपने परिवार वालो द्वारा कही गई बातों पर था।


तभी विपक्षी वकील ने जोर से कहा जज साहब एसे व्यक्ति को तो  फांसी होनी चाहिए। और फिर जज ने रामदीन से कहा तुम कुछ कहना चाहते हौ। और रामदीन चुप खडा रहा। जज ने फिर अपनी बात दोहराई पर रामदीन अब भी खामोष था।

तब जज ने रामदीन को सात साल कठोर कारावास का दंड दे दिया। इसके बाद रामदीन अपनी सोच से बाहर निकल गया। उसकी ऑख से आंसू निकल रहे थे। रामदीन को उस रात के बारे मे कुछ याद नही था परंतु रामदीन भी मान चुका था। उसने एसा किया और रोते रोते रामदीन ने कहा मुझसे ये क्या हो गया मेरी जिदंगी खुद मे ने बर्बाद कर ली मेरी बीवी मेरा बच्चा मेरा परिवार मेरे दोस्त मेरी इज्जत सबकुछ और रामदीन फुट फुट कर रो रहा था। और एसे ही रोते रोते उसे कब नींद आ गई उसे पता ही नही चला। अदालत रामदीन को सजा सुना चुकी थी परंतु बाहर मीडिया और जनता इस फैसले से संतुष्ट नही थे वे चाहते थे कि रामदीन को फासी हो ।


पर फिर दिन बीतते गए देखते ही देखते चार साल हो चुके थे। रामदीन की सजा के तीन साल अब भी बाकी थे। रामदीन जेल मे खामोष ही रहा करता वो जेल मे अपने साथी केदियो की मदद किया करता था। मानो वह इस तरह अपने पापो का प्राष्यचित कर रहा हो। रामदीन खामोष रहता था। तो जेल मे सभी समझा करते थे। कि वह गुंगा है।और रामदीन भी हमेषा अकेला रहना ही पसंद करता था। और जेल मे एक नया दारोगा आया था। रामदीन की इन आदतो ने उस दरोगा पर बहुत प्रभाव डाला। एक दिन दारोगा ने रामदीन से पुछा काका तुम्हे यहा किस जुर्म मे लाया गया अपना सिर झुकाकर बैठे रामदीन ने अपनी गर्दन उपर घुमाई और पुछा आप यहा नए आए हो दारोगा ने कहा हॉ। दारोगा ने बडी हैरत से रामदीन की तरफ देखा रामदीन ने कहा नही मे यह इसलिए पुछ रहा हु क्योकि यह रहकर मेने कई गालीया खाई कई लोगो ने मुझे बुरा कहा कई मुझे पागल समझते है और कई लोग गुंगा लेकिन पहली बार किसी ने मुझे इज्जत से बुलाया है। और रामदीन ने गर्दन नीचे घुमा कर कहा लगता  है वक्त बदल रहा है। दारोगा ने फिर पुछा आपको किस जुर्म मे लाया गया है। यह सुनते ही रामदीन मुस्कुरा दिया और अपने आप से कहा बडी छोटी मुददत के लिए इज्जत मिली थी मुझे डर है कि तुम्हारे सवालात मुझसे वो भी न छीन ले। दारोगा ने मतलब तब रामदीन ने कहा मतलब ये कि जब तुम्हे पता चलेगा कि मुझे यहा क्यो लाया गया तुम मुझे काका नही कहोगे मुझे जो तुम आप कहकर बात कर रहे हो ये इज्जत भी जाती रहेगी।


तब रामदीन ने अपनी गर्दन उठाकर दारोगा की तरफ देखा और उसकी ऑखो मे ऑख डालकर कहा। मुझे बलात्कार के आरोप मे यहा लाया गया है। मैं ने रेप किया है। रेप और रामदीन ने अपनी गर्दन नीची कर ली और मुस्कुराने लगा।

दारोगा वहा से चला गया फिर दारोगा ने बाहर एक हवलदार जो कि चौकी मे काफी पहले से था उससे रामदीन के बारे मे पुछा। तो हवलदार ने बताया साब वह रामदीन काफी बुरा आदमी है। उसने एक लडकी का बलात्कार किया था। उसके बाद वो उसके घर मे ही बेहोष हो गया लडकी ने मौका पाकर हमे फोन किया उस वक्त सुबह के तीन बज रहे है। और साब के साथ मे ही रामदीन को पकडने गया था। साला इतनी दारू पी थी साथ मे किसी अंग्रेजी ड्रग्स का सेवन भी किया था हमने उसे उठाने की बहुत कोषिष की पर वह बडी गहरी नींद मे था। हम उठाकर उसे अस्पताल ले गए थे। तो वहा नाटक करने लगा कहने लगा मुझे कुछ याद नही है। इसके तो परिवार वालो ने भी इससे रिष्ता तोड दिया और जनता तो चाहती थी कि इसे फासी हो पर क्या करे। हवलदार सबकुछ बोल गया हर वो बात जो वो जानता था सारी बाते और दारोगा खडे खडे सारी बाते सुन चुका था। फिर दारोगा ने हवलदार से रामदीन के केस की फाईल लाने के लिए कहा हवलदार कुछ देर मे फाईल ले आया और दारोगा उसे गौर से पढने लगा। दारोगा जब केस फाईल पढ रहा था तो उसे एक बात बडी अजीब लगी कि रामदीन के वकील ने रामदीन के बचाव मे कोई तर्क नही दिए। अब दारोगा वापस रामदीन की तरफ बढा और रामदीन ने पुछा तुमने अदालत मे अपने बचाव मे कुछ नही कहा और न ही तुम्हारे वकील ने क्यों रामदीन ने जवाब दिया मेने जो कुछ कहा वो किसी ने माना ही नही मेरे वकील ने भी नही मेरा वकील भी मुझे दोषी मानता था। और वो सिर्फ मेरा वकील बना क्योकि मुझे जल्द से जल्द सजा दिला सके। यह बात उसने मुझे बताई थी। दारोगाः तो तुमने अदालत मे अपना वकील बदला क्यो नही रामदीन ने कहा क्या फर्क पडता है जो गुनाह का इल्जाम मुझ पर लगा उसके बारे मे मुझे कुछ याद नही। और फिर यह कहते हुए रामदीन थोडा रूका उसकी ऑखो मे पानी था। रामदीन ने कहना शुरू किया और फिर किस के लिए मे बाहर जाना चाहता मेरे अपनो ने ही मुझ पर विष्वास नही किया। मे तो आज उस उपर वाले का धन्यवाद करता हुॅ जिसने मुझे बता दिया कि इस दुनिया मे तेरे पास रिष्ते के नाम पर बहुत लोग है। लेकिन कोई भी तेरा नही है। धन्य हो आप प्रभु, दारोगा ने रामदीन से पुछा तुम यह कहना चाहते हो कि तुम यहा सिर्फ इसलिए आये हो क्योकि तुम्हारे परिवार ने तुम्हे ठुकरा दिया नही ऐसा नही हो सकता क्योकि आदमी को अपनी आजादी प्यारी होती है। रामदीन ने कहा आजादी तो सबको प्यारी होती है। लेकिन बाहर मे आजाद कहा होता वहा तो हर तरफ लोग हकीर निगाहो से मुझे देखते। वहा तो मैं गुलाम होता आजाद तो मे यहा हुॅ यहा हर शख्स किसी न किसी जुर्म मे आया है। यहा सब मुझ जेसे है। तब दारोगा ने कहा मतलब तुम भी मुजरिम हो तुमने वो काम किया है जिसके लिए तुम्हे सजा मिली है। रामदीनः दुनिया तो यही कहती है तुम भी कहोगे तो मुझे कोई आष्चर्य या दुख नही होगा लेकिन एक बात जो मैने हमेषा कही और वही सच है मै तुमसे भी कहुगा कि उस रात के बारे मे मुझे कुछ याद नही है। दारोगाः मुझे साफ साफ उस पुरे दिन के बारे मे मुझे बताओ जिस दिन यह सब हुआ। रामदीन: इस सबसे अब कोई मतलब नही जो हो गया सो हो गया। अब मै वो पुरानी चीजे भुलना चाहता हुॅ। मै भुलना चाहता हुॅ मेरे दोस्तो को जो कहा करते थे कि वह हाल मे मेरा साथ देगे। मै भुलना चाहता हु मेरे भाईयो को जिन्होने मुझ पर भरोसा नही था। जिन्होने मेरे जेल जाने के बाद मेरा पुष्तैनी मकान बेच दिया जो मे कभी बेचना नही चाहता था। वो मेरी मां की याद दिलाता था मुझे और मै भुलना चाहता हुॅ मेरी बीवी को कि जब वो मुझसे पहली बार मिलने आई तो तलाक के कागज साथ लाई। और रामदीन चुप हो गया तब दारोगा ने कहा और तुम्हारा बेटा रामदीन ने कहा हा मेरा बेटा मेरा बेटा और रामदीन की ऑखो से आसू गिरने लगे रामदीन अपने घुटनो पर बैठ गया । दारोगा ने कहा अपने बेटे के लिए मुझे बताओ उस पूरे दिन तुम्हारे साथ क्या क्या हुआ। प्लीज मै सुनना चाहता हुॅ। इसके बाद रामदीन ने बोलना शुरू किया उस दिन मै सुबह आठ बजे हालांकि पिछली रात मे सात बजे खाना खाकर सो गया था वेसे मे इतनी जल्दी कभी सोता नही हु लेकिन उस दिन मुझे बडी जल्दी नींद आ गई थी। और मे आफिस जाने के लिए छह बजे ही उठ जाया करता था लेकिन उस दिन मे लेट उठा था।और मेरा सर भी काफी दर्द कर रहा था। तभी मेरा बेटा मेरे पास आया और कहा पापा मेने आपको कितना जगाया लेकिन आप तो जाग ही नही रहे थे। मेने अपने बेटे को गोद मे उठा लिया और मे ड्राईग रूम की तरफ बढा तो देखा मेरी वाईफ किसी से फोन पर बात कर रही थी। और मुझे देखकर उसने फोन पर कहा वो उठ गए है थोडी देर मे  बात करती हुॅ मेने जब उससे पुछा कि वह किस से बात कर रही थी तो उसने कहा कि उसकी सहेली से बात कर रही थी। वो अक्सर अपनी सहेलियो से काफी बातें करती थी। फिर मे नहाकर अपने आफिस लेट पहुचा और वहा मुझे बास की डांट खानी पडी। फिर दिन निकलता गया और लंच टाईम मे मेने अपने दोस्तो के साथ शाम को बार मे चलने का प्लान बनाया और हम तीन दोस्त बार जाने वाले थे। और फिर हमने हमारे आफिस बेग आफिस मे ही छोड दिए। इसके बाद मे और राहुल हम साथ मे आफिस से निकल गए और हमारा एक दोस्त अजय थोडा काम निपटा कर आने वाला था। लेकिन अजय आया ही नही और मैं और राहुल वहा पर शराब पीते रहे। इसके थोडी देर बाद राहुल के मोबाईल पर किसी का फोन आ गया और राहुल मुझे बाय कहकर निकल गया । और फिर मे भी बार से निकल कर पैदल घर जाने लगा मै राहुल के साथ इसलिए नही गया क्योकि उसे दुसरी तरफ जाना था। इसके बाद मेरा सर अचानक बहुत भारी होने लगा मुझे लगा मेरा सर फट जाएगा । और मे बेहोष हो गया और इसके बाद जो हुआ वो तुम्हे मालुम है । दारोगा यह सुन कर कहा आपने शराब के साथ कोन से ड्रग्स का इस्तेमाल किया था। रामदीन ने कहा नही मेने सिर्फ शराब पी और कोई नषा नही किया। दारोगाः आपकी जॉंच मे एलएसडी नामक ड्रग्स लेने का पता चलता वो भी इतनी ज्यादा मा़त्रा मे की आदमी का दिमाग खराब कर दे। रामदीन ने कहा नही मेने एसे किसी ड्रग्स का सेवन नही किया। यह सुनकर दारोगा वहा से चला गया ।


रामदीन बिल्कुल खामोष बैठा हुआ था। सब तरफ सन्ना था रामदीन की ऑखे भी शांत थी। और रामदीन की ऑखो के सामने अपने बेटे का चेहरा घुम रहा था इतने बाद रामदीन ने फिर उस रात के बारे मे याद करना शुरू किया पर उसे कुछ याद ही नही आ रहा था। और उधर दुसरी तरफ दारोगा भी रामदीन के बारे मे सोच रहा था। कि मुझे किसी से क्या मतलब है लेकिन मुझे न जाने क्या हुआ है। जो मे रामदीन की मदद करने की सोचता रहता हुॅ। न जाने मुझे क्यों लगता है कि रामदीन बेकसुर है। और दारोगा को लग रहा था। कि रामदीन के साथ कोई बडी साजिष रची गई है। वर्ना इतना अच्छा और सबकी मदद करने वाला आदमी ये सब कर ही नही सकता। इसके बाद दारोगा रामदीन के दोस्तो से मिला कई लोगो से बात की जो रामदीन को जानते थे। और सब ने यही कहा की रामदीन बहुत अच्छा आदमी था लेकिन हमें समझ मे नही आता उसने ये सब क्यो किया। दारोगा अपनी तहकीकात करता रहा। और फिर दारोगा को कुछ सबुत मिले। और दारोगा ने रामदीन का केस फिर से शुरू करने की कोषिषे तेज कर दी थी। दारोगा एक बार फिर रामदीन से मिलने गया और उसे बताया की जो कुछ उसके साथ हुआ वह सब एक साजिष थी। और मुझे तुम्हारी बीवी पर शक है। और मे तुम्हारा केस फिर से शुरू कर रहा हुॅ। इसके बाद केस शुरू हुआ। और दारोगा ने ही एक वकील किया और उस वकील ने कोर्ट मे सबुत पेष किए की रामदीन के साथ जो कुछ हुआ वह सब रामदीन की बीवी , उसके दोनों दोस्त अजय,राहुल ने मिलकर किया है। और वो लडकी जिसने इल्जाम लगाया वह एक काल गर्ल थी। इस पर विपक्ष के वकील ने आरोपो को बेबुनियाद बताया तथा सबुत लाने का हवाला दिया। इसके बाद रामदीन के वकील ने उस लडकी को अदालत मे बुलाया उस लडकी को काफी पुलिस वाले अपनी हिरासत मे अदालत मे लाए इसके दारोगा ने कटघरे मे आकर बताया कि यह लडकी एक काल गर्ल है। जो मुंबई मे अपना धंधा चलाती है। और गवाही के लिए मुबंई से पुलिस इंस्पेक्टर को भी बुलवाया तथा इंस्पेक्टर ने भी यही गवाही दी यह लडकी कई बार इस काम मे मुंबई मे पकडा चुकी तथा अभी यह जेल मे सजा काट रही है। इसके बाद लडकी ने भी अदालत मे अपना गुनाह कबुल कर लिया। और बताया की अजय और राहुल रामदीन को बार मे ले जाने वाले थे। तथा बाद मे अजय इस प्लान के हिसाब से तैयारी कर रहा था। इसलिए बार मे नही गया और राहुल ने ही शराब मे एलएसडी ड्रग्स की बहुत ज्यादा मात्रा मिला दी और रामदीन को शक न हो इसलिए वहा से चला गया। इसकी बाद जब रामदीन वहा से बाहर आया तो वही बेहोष हो गया और इसके बाद राहुल ने अजय को फोन करके बुला लिया। राहुल रामदीन के पीछे ही गया था और रामदीन के बेहोष होने का इंतजार कर रहा था। अजय वहा कार लेकर गया और मे भी कार मे अजय के साथ थी। हमने रामदीन को कार मे डाला और मेरे घर जो कि पास मे था वहा ले गए और वहा मे ने बेहोषी की हालात मे रामदीन के साथ गलत काम किया। इसके बाद मेने पुलिस को वहा बुलाया और पुलिस से कहा कि एक शराबी जबरन मेरे घर मे घुस आया और मेरे साथ कुकर्म किया और अब वह बेहोष हो गया है इसलिए मै पुलिस को फोन कर पाई हुॅ। ओर उसके बाद रामदीन को सजा हो गई। वकील ने पुछा तुम तो यह काम करती थी। फिर पुलिस को तुम्हारा क्रिमिनल रिकार्ड केसे नही मिला। तब लडकी ने बताया कि मै मुंबई मे यह काम करती थी और तब तो मुंबई मे भी मेरा कोई रिकार्ड नही था क्योकि मे पकडाई नही गई थी तब तक। इसके बाद वकील ने अजय और राहुल को बुलाया और उन्हे सच बताने को कहा कि उन्होन ऐसा क्यो किया। तब राहुल और अजय ने बताया कि उन्होने यह सब पैसो के लिए किया क्योकि रामदीन के छोटे भाई ने उन्हे 25 लाख रूपए दिए थे यह सुनकर रामदीन की ऑखे फटी की फटी रह गई। पर रामदीन चुप रहा क्योकि वह अजय की बात आगे सुनना चाहता था। वकील ने कहा तुम झुठ बोल रहे हो रामदीन का भाई ऐसा क्यो करेगा। तब राहुल ने बताया की रामदीन की बीवी और भाई के बीच कुछ चल रहा था। और रामदीन का भाई रामदीन की बीवी से शादी करना चाहता सो उसने ऐसा किया था रामदीन के साथ। और आज रामदीन की बीवी और भाई आपस मे शादी कर चुके हालंकि रामदीन के भाई ने समाज के सामने यह दिखाया की वह अपने भाई के बेटे की ठीक से देखभाल करने के लिए कर रहा है। लेकिन असलियत वही है जो हम आपको बता रहे है। रामदीन के सभी मुजरिम अब सामने आ चुके थे। लेकिन उसे इसकी कोई खुषी नही थी। क्योकि जो काम उसने नही किया वह कई सालो से उसकी सजा काट रहा था। उसे समाज मे बुरा माना गया उसके बारे मे कई बाते की गई उसे गालिया दी गई और रामदीन के चेहरे पर हल्की सी मुस्कान उभर आई और यह मुस्कान देख कर समझा जा सकता था कि रामदीन की मुस्कान मे कितना दर्द था ऑखे मानो दर्द का समुन्दª बन चुकी हो। और अल्फाज हलक से बाहर नही आ पा रहे थे। रामदीन फुट फुट कर रोना चाहता था। लेकिन वह यह कर ही नही पा रहा था। उसें कुछ समझ मे नही आ रहा था। तभी दारोगा ने रामदीन के हाथ पर हाथ रखकर कहा। मुबारक हो रामदीन ने जब गर्दन उठाई तो देखा कि अदालत खाली हो चुकी सभी दोषीयों को पुलिस अपने साथ ले जा चुकी है। अब यह खबर टीवी पर हाईलाइट हो चुकी थी न्युज चेनल पुलिस को कोस रहे थे। और रामदीन की फासी की मांग करने वाली जनता चुपचाप सबकुछ देख रही थी। जिनके लिए रामदीन एक बुरा आदमी था। वह रामदीन की बुरी किस्मत पर तरस खा रहे थे। और रामदीन दारोगा के पीछे चलते हुए कोर्ट से बाहर आया तो न्युज चेनल वाले उसपर छपट पडे। और सवालो की बौछार करने लगे। रामदीन दारोगा के साथ पुलिस वेन मे बैठ गया तब दारोगा ने कहा कोर्ट ने दो दिन बाद फैसला सुनाने को कहा और देखना दो दिन बाद तुम बरी हो जाओगे। रामदीन के चेहरे पर चिंता की लकीरे अब भी देखी जा सकती थी। दो दिन बाद जब कोर्ट मे जज फैसला सुनाने लगा तो रामदीन ने फैसला सुनाने से पहले कुछ कहना चाहा और कोर्ट मे रामदीन से कहने के लिए कहा। तब रामदीन ने कहा । जज साहब तीन साल पहले जब मुझे कोर्ट ने सजा सुनाई थी तो मेरी जिदंगी बहुत अच्छी मैं कभी वह सजा नही चाहता था। लेकिन मुझे सजा हुअी मुझसे मेरी अच्छी जिदंगी छीन ली गई। और अब जब मुझे मेरी इस जिदंगी से मोहब्बत हो गई है तो मै आपसे आग्रह करूंगा कि मुझे रिहा मत कीजिए मुझे अब बाहर की हवा से डर लगता है। और मेरा डर अब और भी बड गया है जब मुझे पता चला कि जिदंगी मे मेरे दोस्तो और उन लोगो ने भी मेरे साथ गददारी की जिनको मे अपना मानता था। लेकिन अब मे आपके हाथ जोडता हुॅ। मुझे बरी मत कीजिए और जेल मे ही रहने दीजिए और इन सब (दोषियो) को सजा मत दीजिए। तब जज ने कहा ऐसा केसे हो सकता है इन लोगो ने जुर्म किया इन्हे सजा मिलनी चाहिए। रामदीन ने कहा अगर इन्होने जुर्म किया है तो फिर सिर्फ इन्होने जुर्म नही किया है। जुर्म आपने भी किया जो एक लडकी के आसू देखकर आपने मुझे सजा दी जुर्म उस समाज ने किया जो कुछ नही जानती थी। फिर भी वह मुझे फासी पर लटकाना चाहते थे जिन्होने मुझ पर चप्पले फेकी और जिनकी नजरे हमेषा मेरे लिए नफरत से भरी हुअी रहती थी। और जुर्म उन्होने भी किया जिन्होने मुझे बुरा कहा बुरा समझा मुझे गालिया दी गई और उन्होने भी जुर्म किया जो समाज मे रहकर हमेषा दुसरो बुरा कहते रहे। आपको बंद कर देने चाहिए सारे अखबार और न्युज चैनल जिन्होने बगैर जाने बुझे मेरी इज्जत उतार दी उन्होने पूरी दुनिया के सामने मुझे नंगा कर दिया। जज साहब मै नही चाहता इंसाफ हा मे ने वो जुर्म नही किया लेकिन मै चाहता हूं कि मुझे ही उसका दोषी माना जाए। भले ही मुझे फांसी दे दो मगर रिहाई नही। तब जज ने पूछा लेकिन आप ऐसा क्यो चाहते हो। रामदीन ने कहा मेरे बेटे के लिए अब तक मेरा बेटा बडा हो गया होगा और में नही चाहता कि मैं अपने बेटे से उसके मा बाप छीनू जैसे इन लोगो ने मुझसे अपना बेंटा छीन लिया। अगर आप इन्हे सजा देना चाहते है तो मुझे भी म्रत्यु दीजिए वर्ना मे खुद ही अपना जीवन समाप्त कर लूंगा। जज अब अपने आप को असहाय महसूस कर रहा था। तब जज ने फैसला दिया चुकि रामदीन नही चाहता कि उसके साथ दोषियो ने जो क्रत्य किया उनको उसकी सजा मिले और रामदीन चार साल की जेल काट चूंका है हालांकि उसने कोई अपराध नही किया। इसलिए रामदीन का भाई और तलाकषुदा बीवी पर अदालत भारी जुर्माना लगाकर उन्हे छोड रही है और अजय और राहुल को जुर्माने के साथ एक एक साल का कठोर दंड दिया गया है। और वह लडकी को तीन साल की सजा दी गई जो उसे अपनी वर्तमान सजा के अलावा भुगतनी होगी। लेकिन चूंकि रामदीन ने कोई जुर्म नही किया इसलिए रामदीन को अब जेल मे नही रखा जाएगा और सरकार और न्युज चैनलो को चाहिए कि वह रामदीन की मानहानि के लिए रामदीन को मुआवजा दे। कोर्ट की कार्यवाही समाप्त कर दी गई। रामदीन कटघरे से निकला और दारोगा के पीछे चल दिया। दारोगा के पीछे चलते चलते रामदीन पुलिस वैन मे बैठने लगा। तब दारोगा ने कहा तुम कहा चल रहे हो तुम्हे कोर्ट ने बरी कर दिया है। रामदीन ने दारोगा से कहा कि उसे रास्ते मे कही छोड दे जैसे ही रामदीन पुलिस वैन मे बैठा। तो सभी दोषी पुलिस वैन मे बेठे थे। सभी लोग रामदीन से माफी मांगने लगे लेकिन रामदीन ने कोई जवाब नही दिया जैसे उसने कुछ बात सुनी ही नही। और दारोगा ने रास्ते मे गाडी रोक कर  रामदीन को उतार दिया। रामदीन ने जाने लगा तब दारोगा ने पीछे आवाज लगाई रामदीन एक बात पूछु रामदीन ने हा मे सर हिला दिया दारोगा ने पूछा क्या तुम्हे कभी महसूस नही हुआ कि तुम्हारे अपने भी तुम्हारे साथ एसा कर सकते है।

रामदीन ने कहा मुझे कई बार महसूस हुआ लेकिन मै अपनो पर इतना विष्वास करता था कि हर बार इस बात को मेरा दिल ठुकरा देता था।


अच्छा हुआ जो उपर वाले खाली चार साल मे मुझे यह बता दिया

वरना लोगो की सारी जिदंगी बीत जाती है यह पता करने मे

की कौन अपना है और कोैन पराया

किस पर विष्वास करे और भरोसे के लायक कौन है

यह कह कर रामदीन वहा से चला गया और रामदीन कहा गया ये किसी को नही पता  ।

रामदीन ने जाते जाते जो बात कही वो छोटी हो सकती लेकिन इस बात को आजमाने के लिए सारी जिदंगी भी कम लगती है।